रोमांटिक शायरी ..

 हम दिलफेक आशिक़ हर काम में कमाल कर दे....!!!
जो वादा करे वो पूरा हर हाल में कर दे....!!!
क्या जरुरत है जानू को लिपस्टिक लगाने की....!!!
हम चूम-चूम के ही होंठ लाल कर दें....!!!
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ऐसा क्या लिखूँ की तेरे दिल को तस्सली हो जाए....!!!
क्या ये बताना काफी नहीं की मेरी ज़िन्दगी हो तुम....!!!

जी चाहे की दुनिया की हर एक फ़िक्र भुला कर....!!!
दिल की बातें सुनाऊं तुझे मैं पास बिठाकर....!!!

मेरी हर नज़र में बसी है तू....!!!
मेरी हर क़लम पे लिखी है तू....!!!
तुझे सोच लूँ तो ग़ज़ल मेरी....!!!
न लिख सकूँ तो वो ख्याल है तू ....!!!

कब तक वो मेरा होने से इंकार करेगा....!!!
खुद टूट कर वो एक दिन मुझसे प्यार करेगा....!!!
इश्क़ की आग में उसको इतना जला देंगे....!!!
कि इज़हार वो मुझसे सर-ए-बाजार करेगा....!!!

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संगमरमर के महल में तेरी तस्वीर सजाऊंगा....!!!
अपने इस दिल में तेरे ही ख्वाब जगाऊंगा....!!!
यूँ एक बार आजमा के देख तेरे दिल में बस जाऊंगा....!!!
मैं तो प्यार का हूँ प्यासा तेरे आगोश में मर जाऊॅंगा....!!!

तुम्हारी प्यार भरी निगाहों को हमें कुछ ऐसा गुमान होता है
देखो ना मुझे इस कदर मदहोश नज़रों से कि दिल बेईमान होता है....!!!

तुम मेरी ज़िंदगी में शामिल हो ऐसे....!!!
मंदिर के दरवाज़े पर मन्नत के धागे हों जैसे....!!!

कोई ग़ज़ल सुना कर क्या करना....!!!
यूँ बात बढ़ा कर क्या करना....!!!
तुम मेरे थे....!!! तुम मेरे हो....!!!
दुनिया को बता कर क्या करना....!!!
तुम साथ निभाओ चाहत से....!!!
कोई रस्म निभा कर क्या करना....!!!
तुम खफ़ा भी अच्छे लगते हो....!!!
फिर तुमको मना कर क्या करना....!!!

एक बार कर के ऐतबार लिख दो....!!!
कितना है मुझ से प्यार लिख दो....!!!
कटती नहीं ये ज़िन्दगी अब तेरे बिन....!!!
कितना और करूँ इन्तज़ार लिख दो ....!!!

तरस रहे हैं बड़ी मुद्दतों से हम....!!!
अपनी मुहब्बत का इज़हार लिख दो....!!!
दीवाने हो जाएँ जिसे पढ़ के हम....!!!
कुछ ऐसा तुम एक बार लिख दो....!!!

तुम हसीन हो....!!! गुलाब जैसी हो....!!!
बहुत नाज़ुक हो ख़्वाब जैसी हो....!!!
होठों से लगाकर पी जाऊं तुम्हे....!!!
सर से पाँव तक शराब जैसी हो....!!!

लाखों में इंतिख़ाब के क़ाबिल बना दिया....!!!
जिस दिल को तुमने देख लिया दिल बना दिया....!!!
पहले कहाँ ये नाज़ थे....!!! ये इश्वा-ओ-अदा....!!!
दिल को दुआएँ दो तुम्हें क़ातिल बना दिया....!!!

आप पहलू में जो बैठें तो संभल कर बैठें....!!!
दिल-ए-बेताब को आदत है मचल जाने की....!!!

खुशबू की तरह मेरी हर साँस में....!!!
प्यार अपना बसाने का वादा करो....!!!
रंग जितने तुम्हारी मोहब्बत के हैं....!!!
मेरे दिल में सजाने का वादा करो....!!!

मैं तमाम दिन का थका हुआ....!!!
तू तमाम शब का जगा हुआ....!!!....!!!
ज़रा ठहर जा इसी मोड़ पर....!!!
तेरे साथ शाम गुज़ार लूँ ....!!!

जज़्बात बहक जाते हैं जब तुमसे मिलते हैं....!!!
अरमान मचल जाते हैं जब तुमसे मिलते हैं....!!!
मिल जाते हैं आँखों से आँखें....!!! हाथों से हाथ....!!!
दिल से दिल....!!! रूह से रूह जब तुमसे मिलते हैं....!!!

मुझे सहल हो गई मंजिलें वो
हवा के रुख भी बदल गये....!!!

तेरा हाथ....!!! हाथ में आ गया
कि चिराग राह में जल गये ....!!!

मेरी आँखों में झाँकने से पहले
जरा सोच लीजिये ऐ हुजूर....!!!....!!!....!!!

जो हमने पलके झुका ली तो
कयामत होगी....!!!....!!!....!!!....!!!

और हमने नजरें मिला ली तो
मुहब्बत होगी....!!!....!!!....!!!....!!!

ख्वाहिश-ए-ज़िंदगी बस
इतनी सी है अब मेरी....!!!
कि साथ तेरा हो और
ज़िंदगी कभी खत्म न हो ....!!!
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निगाहों के तक़ाज़े
चैन से मरने नहीं देते....!!!
यहाँ मंज़र ही ऐसे हैं
कि दिल भरने नहीं देते....!!!

क़लम मैं तो उठा के
जाने कब का रख चुका होता....!!!
मगर तुम हो कि क़िस्सा
मुख़्तसर करने नहीं देते ....!!!


कुछ बातें हम से सुना कर....!!!....!!!....!!!

कुछ बातें हम से सुना करो....!!!
कुछ बातें हम से किया करो ....!!!

मुझे दिल की बात बता दो तुम....!!!
होंठ ना अपने सिया करो....!!!

जो बात लबों तक ना आए....!!!
वो आंखों से कह दिया करो....!!!

कुछ बातें कहना मुश्किल है....!!!
तुम चहरे से पढ़ लिया करो....!!!

जब तनहा-तनहा होते हो....!!!
आवाज मुझे तुम दिया करो....!!!

हर धड़कन मेरे नाम करो....!!!
हर सांस मुझको दिया करो....!!!

जो खुशियां तेरी चाहत हैं....!!!
मेरे दामन से चुन लिया करो....!!!

साँसों की माला में पिरो कर
रखे हैं तेरी चाहतो के मोती....!!!
अब तो तमन्ना यही है कि....!!!
बिखरूं तो सिर्फ तेरे आगोश में....!!!


नया ये दौर है लेकिन....!!!
वही किस्से पुरानें हैं....!!!
मुहब्बत के जमाने थे....!!!
मुहब्बत के जमानें हैं....!!!
मेरे गीतों में जो तुमने....!!!
सुने यादों के किस्से है....!!!
मुहब्बत के तरानें तो....!!!
अभी तुमको सुनाने हैं....!!!

मिली जब भी नजर उनसे....!!!
धड़कता है हमारा दिल....!!!
पुकारे वो उधर हमको....!!!
इधर दम क्यों निकलता है....!!!

मोहब्बत की शमा जला कर तो देखो....!!!
जरा दिल की दुनियाँ सजा कर तो देखो....!!!
तुम्हें हो ना जाऐ मोहब्बत तो कहना....!!!
जरा हमसे नजरें मिलाकर तो देखो....!!!

गर मेरी चाहतों के मुताबिक
ज़माने की हर बात होती....!!!

तो बस मैं होता....!!!....!!!तुम होती....!!!....!!!
और सारी रात बरसात होती ....!!!

कुछ मतलब के लिए ढूँढते हैं मुझको....!!!
बिन मतलब जो आए तो क्या बात है....!!!
कत्ल कर के तो सब ले जाएँगे दिल मेरा....!!!
कोई बातों से ले जाए तो क्या बात है....!!!....!!!....!!!

मेरे दिल की हर धड़कन तुम्हारे लिए है....!!!
मेरी हर दुआ तुम्हारी मुस्कराहट के लिए है ....!!!

तुम्हारी हर अदा मेरे दिल को चुराने के लिए है....!!!
अब तो मेरी जिंदगी तुम्हारे इंतज़ार के लिए है ....!!!....!!!

मेरी चाहतें तुमसे अलग कब हैं....!!!
दिल की बातें तुमसे छुपी कब हैं ....!!!

तुम साथ रहो दिल में धड़कन की जगह....!!!
फिर ज़िन्दगी को साँसों की ज़रुरत कब है ....!!!

दिल के सागर में लहरें उठाया ना करो....!!!
ख्वाब बनकर नींद चुराया ना करो....!!!
बहुत चोट लगती है मेरे दिल को....!!!
तुम ख्वाबो में आ कर यूँ तड़पाया ना करो....!!!....!!!....!!!....!!!

तेरी आँखों के जादू से
तू ख़ुद नहीं है वाकिफ़....!!!....!!!....!!!

ये उसे भी जीना सिखा देती हैं
जिसे मरने का शौक़ हो ....!!!

चलते चलते राह में उन से मुलाकात हुई....!!!
वो कुछ शरमाई फिर सहम सी गई....!!!
दिल तो हमारा भी किया कि कह दे उनसे
अपने दिल की बात....!!!....!!!....!!!
पर कम्बखत इस दिल की इतनी हिम्मत ही न हुई....!!!

अदा से देख लो जाता रहे गिला दिल का....!!!
बस इक निगाह पे ठहरा है फ़ैसला दिल का....!!!

यार पहलू में है....!!! तन्हाई है....!!! कह दो निकले....!!!
आज क्यूँ दिल में छुपी बैठी है हसरत मेरी....!!!


मजा आता अगर गुजरी हुई बातों का अफसाना....!!!
कहीं से तुम बयाँ करते....!!! कहीं से हम बयाँ करते....!!!


ये आलम शौक़ का देखा न जाये....!!!
वो बुत है या ख़ुदा देखा न जाये....!!!
ये किन नज़रों से तुम ने आज देखा....!!!
कि तेरा देखना ​देखा ​ना जाये....!!!

बहके बहके ही अंदाज-ए-बयां होते हैं....!!!
आप जब होते हैं तो होश कहाँ होते हैं....!!!

​आपसे रोज़ मिलने को दिल चाहता है​​....!!!​
​कुछ सुनने सुनाने को दिल चाहता है​​....!!!​
​था आपके मनाने का अंदाज़ ऐसा​​....!!!​
​कि फिर रूठ जाने को दिल चाहता है​....!!!


तुम्हारी ज़ुल्फ़ों के साये में शाम कर लूंगा....!!!
सफर इस उम्र का पल में तमाम कर लूंगा....!!!


जो मैं वक़्त बन जाऊं तू बन जाना लम्हा....!!!
मैं तुझमें गुजर जाऊं तू मुझमें गुजर जाये....!!!

बड़ा मज़ा आता है उसे बार-बार मुझे सताने में....!!!
क्यो भूल जाती है कि नहीं मिलेगा....!!!
कोई मुझसा चाहने वाला इस जमाने में....!!!
नहीं आए यकीं तो फिर आज़माकर देख लेना
कुछ बात अलग है इस दीवाने में....!!!
तारीफ नहीं करता खुद की....!!!....!!!....!!! मगर ये सच है....!!!....!!!....!!!
कोई कसर नहीं छोडूंगा तेरा साथ निभाने में....!!!

कुछ दूर हमारे साथ चलो हम दिल की कहानी कह देंगे....!!!
समझे ना जिसे तुम आँखों से वो बात जुबानी कह देंगे....!!!


मैं देखूँ तो सही यह दुनिया तुझे कैसे सताती है....!!!
कोई दिन के लिए तुम अपनी निगहबानी मुझे दे दो....!!!

तुम मुझे कभी दिल से कभी आँखों से पुकारो....!!!
ये होठों के तकल्लुफ तो ज़माने के लिए होते हैं....!!!

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